हिंदी भाषा एवं साहित्य का अध्यापन स्नातक स्तर पर वर्ष 2011 में प्रारंभ हुआ। वर्ष 2016 में हिंदी विभाग में स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली के तहत एम.ए. हिंदी (सी.बी.सी.एस.) की कक्षाएं प्रारंभ हुईं। अक्टूबर 2021 में हिंदी विभाग को शोध केंद्र के रूप में मान्यता प्रदान की गई। वर्तमान में स्नातकोत्तर स्तर पर 40 छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। स्नातक एवं स्नातकोत्तर स्तर पर हिंदी साहित्य के साथ-साथ हिंदी भाषा का भी शिक्षण कार्य किया जाता है। स्नातकोत्तर हिंदी, एम.ए. पूर्वार्द्ध की कक्षाओं में सेमेस्टर पद्धति लागू है। जिसकी नियमित कक्षाओं के साथ-साथ, समय पर विषय से संबंधित व्याख्यान भी कराया जाता है। हिंदी साहित्य परिषद के गठन के अंतर्गत निबंध प्रतियोगिता, काव्यपाठ, साहित्यकारों काजयंती समारोह, हिंदी भाषा दिवस कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। प्राध्यापकसमय पर व्याख्यान, सेमिनार, कार्यशाला आदि में प्रतिभागिता प्रदर्शित करते हुए निरंतरज्ञान-संवर्धन तथा साहित्य एवं संस्कृति के संरक्षण, परिरक्षण विकास-परिवर्धन हेतु सोच एवंसंवेदना दोनों स्तरों पर पूरी निष्ठा से प्रयासरत है। हिंदी विभाग का निम्नलिखित उद्देश्य हैदृ अध्यापन द्वारा मानव मूल्यों का निर्माण करना, हिंदी विषय के प्रति विद्यार्थियों में रूचि परिमार्जित करना, विद्यार्थियों रचनात्मक विकास करना, साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं का पाठन एवं नवीन रचनाओं से अवगत करना, समाज से जुड़े हुए होना एवं गतिविधियों को संकलित और प्रशिक्षित करना। स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में निम्नलिखित उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए अनेक क्षेत्रों को शामिल किया गया है जैसे की समकालीन सिद्धांत और अंतः विषय विस्तार में साहित्यिक रूपों, आंदोलनों और प्रवृत्तियों का अनिवार्य ज्ञान प्रदान करना, छात्रों को पत्रकारिता, अनुवाद, व्याख्या, विज्ञापन और कॉर्पोरेट संचार, प्रदर्शनकला जैसे समाचार पढ़ना और थियेटर, रेडियो, टेलीविजन और फिल्म लेखन, प्रकाशन, हिंदी भाषा के शिक्षण, तुलनात्मक साहित्य और सांस्कृतिकअध्ययन के साथ-साथ हिंदी भाषा के शिक्षण, तुलनात्मक साहित्य और सांस्कृतिक अध्ययन में उच्च विशेषज्ञता के लिए उन्हें सुसज्जित करना, अपने रचनात्मक तथा व्यावसायिक लेखन में कैरियर बनाना, परस्पर अनुशासनिक क्षेत्रों जैसे जन संचार, भाषा, सांस्कृतिक अध्ययन, तुलनात्मक साहित्य और अन्य क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए तैयार करना।